हापुड़। हापुड़ में सेटेलाइट रोडवेज बस अड्डा बनाए जाने की कवायद फिर से शुरू हो गई। बस अड्डा के निर्माण के लिए ततारपुर से निजामपुर बाईपास के मध्य दो एकड़ भूमि की तलाश की जा रही है। सरकारी भूमि न मिलने पर अब किसानों से जमीन खरीदकर बस अड्डा बनाए जाने की तैयारी है। इसके लिए तहसील प्रशासन की टीम किसानों से बातचीत कर रही है। सेटेलाइट बस अड्डा बनने से एक ओर जहां लोगों को शहर के जाम से मुक्ति मिलेगी, व लंबे रूट के यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
शहर के बीच मेरठ रोड पर रोडवेज बस अड्डा, डिपो और वर्कशाप एक साथ संचलित है। यहां से लखनऊ, सीतापुर, बरेली, दिल्ली, नोएडा के साथ विभिन्न मार्गों के लिए 129 बसों का संचालन होता है। इबस अड्डे में पीछे की तरफ वर्कशाप भी बनी है, जहां दर्जनभर बसें हमेशा खड़ी रहती हैं।
लंबी दूरी की अधिकांश बसों का संचालन कौशांबी डिपो से होता है। ऐसे में शहर में जाम की समस्या को देखते हुए दिन के समय लंबे रूट की बसों का संचालन शहर से न होकर बाईपास से ही निकाल दिया जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। तहसीलदार प्रवीण कुमार ने बताया कि परिवहन निगम के अधिकारियों के पत्र मिलने के बाद ततारपुर से निजामपुर बाईपास के बीच सेटेलाइट बस अड्डे के लिए दो हैक्टेयर भूमि की तलाश की जा रही है।सेटेलाइट बस अड्डा बनने से परिवहन को लेकर जिला हाइटेक हो जाएगा। जहां से उत्तराखंड, दिल्ली आदि प्रदेशों व दूरस्थ स्थानों के लिए रोडवेज बसें मिलेंगी। पूरा बस अड्डा सीसीटीवी की निगरानी में होगा।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रणजीत सिंह का कहना है कि जिले में सेटेलाइट रोडवेज बस अड्डा निर्माण को लेकर पिछले दो वर्षों से तैयारी चल रही है। भूमि उपलब्ध न होने के कारण अभी तक प्रस्ताव भी अधर में हैं। अब फिर से जिला प्रशासन को भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया गया है।