हापुड़। यूपी इन्वेस्टर्स समिट में नए उद्योगों को लगाने का प्रस्ताव देने के बाद भी उद्यमी परेशान हैं। उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी अड़चन महंगी जमीन बनी हुई है। उद्यमियों को सस्ती जमीन न मिलने के कारण उद्योग लगाने में परेशानी आ रही है। इससे उद्योग लगाने की लागत कई गुना तक बढ़ रही है। चिन्हित जगहों पर महंगी जमीन होने के कारण 50 उद्यमी परेशान हैं।
विभाग का दावा है कि उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण कर 142 नए उद्योगों के लिए रास्ता साफ किया गया है। इन उद्योगों के लिए जमीनों का शिलान्यास जुलाई माह के बीच हो चुका है। यह उद्योग धरातल पर उतरने से 45621 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वहीं, कई विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र मिलने के बाद अब 142 नए उद्योगों के लिए काम शुरू हो चुका है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है।
हापुड़-स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अमन गुप्ता ने बताया कि समिट में आए प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सबसे बड़ी अड़चन महंगी जमीन बनी हुई है। उद्यमियों के पास जिस स्थान पर भूमि है, वह वर्तमान में दस्तावज में कृषि में दर्ज है। ऐसे में उद्यमियों को भूमि का परिवर्तन कराने में समय लग रहा है। जबकि, नए औद्योगिक क्षेत्र जिले में विकसित नहीं हुए हैं। वर्तमान में करीब 50 उद्यमियों ने सस्ती जमीन की मांग विभिन्न माध्यमों से की है।
उपायुक्त उद्योग खुशबू सिंह- ने बताया की जिले में कई नए औद्योगिक क्षेत्र बन रहे हैं। बहादुरगढ़ में यूपीडा, सबली और अन्य जगहों पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहे हैं। यहां कम दाम में जमीन मिल रही है। निश्चित ही कुछ उद्यमी ऐसे हैं, जिन्हें सस्ती जमीन की तलाश है। उन्हें भी जमीन दिलाने के प्रयास जारी हैं।