हापुड़ में ठंड के साथ ही त्वचा रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में 40 फीसदी मरीज, त्वचा रोगों से पीड़ित हैं। साथ ही नाक, कान और गला रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बच्चों में डायरिया और पेट संक्रमण की समस्या अधिक हैं।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत सिंह ने बताया कि सर्दी में त्वचा शुष्क होने से रक्तस्त्राव होने लगता है। स्कैबीज की समस्या भी बढ़ रही है। यह बीमारी तेजी से एक दूसरे मरीज में फैलती है। त्वचा पर दाने निकलना, चकत्ते आने व खुजली आदि की शिकायत अधिक आ रही है। निजी और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीज बढ़े है।
फिजिशियन डॉ प्रदीप मित्तल ने बताया कि ठंड में त्वचा सूखने लगती है। ऐसे में त्वचा की परत बाहर निकलने लगती है। आखिर में वातावरण में मौजूद जीवाणुओं व गंदगी से त्वचा में संक्रमण के कारण फोड़ा- फुंसी, खुजली आदि चर्म रोग हो जाते हैं।
ईएनटी डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया किगले में खराश, कान बहना व कान में दर्द संबंधी मरीज बढ़े हैं। साइनस की परेशानी लेकर भी मरीज अस्पताल आ रहे हैं, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों में त्वचा रोग के साथ डायरिया और पेट संक्रमण की समस्या बढ़ी है। अभिभावक इस मौसम में अपने बच्चों की उचित देखभाल करें, पूरे कपड़े पहनाएं और खान पान में सावधानी बरतें। थोड़ी लापरवाही बच्चों को बीमार कर सकती है।