हापुड़ में गांवों में स्वच्छता को लेकर शासन तो गंभीर है, लेकिन जिला स्तर पर अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-2 के तहत गांवों की सफाई पर खर्च होने वाली करीब 47 लाख रुपये की धनराशि जुलाई माह से ग्राम पंचायत सचिवों के खाते में पड़ी हुई है, लेकिन सचिव यह धनराशि खर्च नहीं कर पाए हैं। अब डीपीआरओ ने सचिवों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का उद्देश्य ग्रामीण भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि समाज में सम्मान और गरिमा भी लाती है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-2 में एसएलडब्ल्यूएम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्रेडिट लिमिट दी गई थी। इस योजना के तहत गांवों में ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए काम होना है। लेकिन बार-बार निर्देश देने के बाद भी ग्राम पंचायत सचिव इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में विकास कार्यों के लिए मिली धनराशि खर्च नहीं की गई।