हापुड़ के तापमान गिरने से रक्तचाप की बीमारी बढ़ गई है, अस्पतालों में इसके मरीज बढ़े है, इस साल सरकारी अस्पतालों से मरीज 20 हजार से अधिक गोलियां खा गए हैं। उच्च रक्तचाप के मरीज अधिक हैं, जिनमें ज्यादातर लोग दवाइयों के सहारे ही खुद को स्वस्थ रख रहे हैं। एक से दो फीसदी ही आदतों में बदलाव कर स्वस्थ हुए हैं। चिकित्सक मरीजों को नियमित दवा लेने की सलाह दे रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्ष 2024-25 में रक्तचाप के सात हजार से अधिक मरीज चिह्नित किए गए हैं। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि उच्च रक्तचाप बढ़ने से कोशिकाओं पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे हृदय की मांसपेशियां भारी हो जाती हैं। शरीर की जरूरत के हिसाब से रक्त प्रवाह नहीं होने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है। इसके अलावा ब्रेन हेमरेज, लकवा, दौरा पड़ने की समस्या हो जाती है।
जिस तरह तापमान गिर रहा है, वैसे ही उच्च रक्तचाप वाले मरीजों में शरीर में झनझनाहट, हाथ पैर में चींटी सी चलना जैसी शिकायतें बढ़ी हैं, सिर दर्द और बेचैनी भी हो रही है। ऐसे मरीजों को चिकित्सक नियमित दवा लेने और जीवन शैली में सुधार की सलाह दे रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले के सरकारी अस्पतालों में रक्तचाप संबंधी दवाएं पर्याप्त मात्रा में हैं। उच्च रक्तचाप खराब दिनचर्या की वजह से हो रहा है। उच्च रक्तचाप बढ़ने से स्ट्रोक, दिल का दौरा, आंखों के आगे अंधेरा, गुर्दे की समस्या हो जाती है। समय से दवाई नहीं लेने पर समस्या बढ़ जाती हैं।