हापुड़ में ऊर्जा निगम को तारों की सप्लाई करने वाली कंपनी पिछले महीने ब्लैक लिस्ट हो गई थी, जिसके बाद से हापुड़ में केबल का संकट छा गया है। बिजनेस प्लान और डिपोजिट के काम अटक गए हैं। कोई नई कंपनी भी माल देने को तैयार नहीं है। तार नहीं होने के कारण ठेकेदार समय से काम पूरा नहीं कर पा रहे। ऐसे में जिले के अंदर सिर्फ बिजनेस प्लान और रिवैंप के कार्य ही चल रहे हैं। अफसर और ठेकेदार परेशान हैं, नए उपभोक्ता कनेक्शन के लिए चक्कर काट रहे हैं।
हापुड़ के ऊर्जा निगम को लंबे समय से एक कंपनी केबल आदि की सप्लाई करती थी। लेकिन जब से बिजनेस प्लान और रिवैंप योजना लागू हुई है, कंपनी की सामग्री पर सवाल उठने लगे। कई जिलों में तारों की गुणवत्ता बेहद खराब मिली। जिस पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया था। हापुड़ में भी उक्त कंपनी का सैकड़ों किलोमीटर तार था जिसे सील किया गया।
करीब दो महीने से ऊर्जा निगम के स्टोर में 70 एमएम, 120 एमएम के पीवीसी केबल और 95, 120 और 50 एमएम के एबी केबल उपलब्ध नहीं हैं। इसका प्रभाव हापुड़ के विद्युतीकरण पर पड़ रहा है। क्योंकि बिजनेस प्लान में पुरानी लाइनें बदली जानी हैं, नंगे तारों वाली लाइनों के स्थान पर एबीसी डलनी हैं।लेकिन स्टोर में तार नहीं होने के कारण लगभग सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। रिवैंप योजना के अंतर्गत ही कार्य चल रहे हैं, हालांकि इस कार्य को बाहर की कंपनी कर रही है। अधीक्षण अभियंता कार्यालय से टेंडर निकाले जा रहे हैं, लेकिन तार नहीं होने के कारण ठेकेदार समय से काम पूरा नहीं कर पा रहे।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की पीवीसी और एबी केबल की समस्या पर अधिकारियों को अवगत करा दिया है। जल्द ही हापुड़ को पर्याप्त तार मिल जाएंगे। बिजनेस प्लान में कार्य कराए जा रहे हैं, इनमें और तेजी लाई जाएगी।