हापुड़ जिले में प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। डीएम प्रेरणा शर्मा के आदेश पर अगले आदेश तक कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि, ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। वहीं, निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न फैक्टरियों में 43 डीजल जनरेटरों को सील किया है। आवश्यक सामग्री वाले ट्रकों को ही जिले में प्रवेश दिया जाएगा।
मंगलवार की सुबह धुंध का असर सुबह 11 बजे तक रहा। सोमवार को जहां अधिकतम एक्यूआई 457 दर्ज हुआ। वहीं, मंगलवार की रात एक बजे एक्यूआई बढ़कर 465 तक पहुंच गया। हालांकि, दिन में हवा चलने के कारण एक्यूआई जरूर कम हुआ। शाम पांच बजे एक्यूआई 409 दर्ज किया गया। जिसे बेहद गंभीर श्रेणी माना जाता है। इस कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई।
शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। धुंध ने लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। इसके चलते मंगलवार को डीएम प्रेरणा शर्मा ने कलक्ट्रेट सभागार में ग्रैप-4 के अंतर्गत लागू पाबंदियां, जिला पर्यावरण/वृक्षारोपण/गंगा समिति की बैठक की, जिसमें वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण हेतु टीम का गठन करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए डीएम के आदेश पर अगले आदेश तक कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि ऑनलाइन क्लासेस जारी रहेंगी। इसके अलावा लोगों को सलाह दी गई है कि वो बेवजह घर से बाहर न निकलें क्योंकि प्रदूषण की वजह से बहुत सी बिमारी हो सकती हैं।
जनपद में 194 वायु प्रदूषणकारी उद्योग हैं, जिनकी पिछले कुछ दिनों में जांच की गई है। इसके बाद 43 फैक्टरियों में डीजल जनरेटर सील कर दिए गए हैं। वहीं, टीम ने आनंद विहार में निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया है, इस पर बड़े जुर्माने की तैयारी है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि जिले में अभी तक पीएनजी लाइन नहीं पहुंची है।