हापुड़ शहर में बंदरों को पकड़वाने और कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए नगर पालिका में अभियान शुरू होने जा रहा है। नगर पालिका ने एक हजार बंदरों को पकड़कर दूसरे स्थान पर छोड़ने और 800 कुत्तों की नसबंदी के टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। एक बंदरों को पकड़ने पर 750 और एक कुत्ते की नसबंदी पर करीब 1200 रुपये खर्च होंगे।
इन दिनों शहर के लोग आवारा बंदरों और कुत्तों की वजह से परेशान है। आवारा कुत्ते और बंदर शहर में आए दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इससे लोगों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक नुकसान पहुंच रहा है। लगभग तीन साल से बंदरों और कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए नगर पालिका ने कोई कदम भी नहीं उठाया है। इस कारण इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्र से आकर लोग नगर के आसपास बंदरों को छोड़कर चले जाते हैं। इसके कारण बंदरों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या का असर मोहल्लों की सड़कों पर भी नजर आता है।
शहर में बंदरों के बढ़ते उत्पात और कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। कई मोहल्लों में तो बच्चे और बुजुर्ग अकेले घरों तक से नहीं निकल पाते हैं। अकेले में देखते ही बंदर और कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। इसे लेकर लोग आए दिन शिकायत कर रहे थे। करीब आठ बार टेंडर निकालने के बाद अब जाकर यह प्रक्रिया पूरी हुई है। करीब दो माह तक शहर में यह अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक वार्ड में यह अभियान चलेगा।
ईओ मनोज कुमार- का कहना है की 750 रुपये में एक बंदर को पकड़ने, खाना खिलाने और छोड़ने का कार्य होगा। जबकि, 1200 रुपये में एक कुत्ते को पकड़ने, खाना खिलाने, नसबंदी और इसके बाद छोड़ने पर खर्च किए जाएंगे।