हापुड़ जिले में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, ऐसे में गन्ने के अवशेष जलाए जाने से स्थिति और बिगड़ रही है। सेटेलाइट ने 14 स्थानों पर ऐसे मामले पकड़े हैं। जिला कृषि अधिकारी ने गांवों में जाकर किसानों को गन्ना अवशेष से मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने के उपाय बताए।
दरअसल, पराली के कारण प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। जिसका असर इंसान की सेहत पर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि गन्ने के अवशेष मृदा के लिए बेहद आवश्यक हैं।
पत्ती को यदि वेस्ट डिकंपोजर यंत्र से जमीन में बिछा दें तो इससे मृदा में कार्बन जीवांश की मात्रा बढ़ती है। वायु और जल संचयन बढ़ता है, जिससे उर्वरक शक्ति में इजाफा होता है। पत्ती के मृदा के लिए लाभदायक सूक्ष्म जीव मरते नहीं हैं, इस विधि को अपनाने से फसलों में रोग कम लगते हैं और उनका विकास अधिक होता है। भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित शिवाल ने भी किसानों को जागरूक किया।