हापुड़। बिजली विभाग में कर्मचारी गड़बडी करते रहते हैं। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने एक निजी कॉलोनी का विद्युतीकरण बिना टेंडर निकाले ही करा दिया। उपभोक्ता से करीब 42 लाख रुपये जमा कराए गए थे। इस गड़बड़ी के बीच कॉलोनी में लगाया गया 250 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर भी चोरी हो गया। अब निगम के अधिकारी कॉलोनी के हैंडओवर नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है।
बिजली संबंधी बड़े कार्य दो तरह से कराए जाते हैं। इसमें उपभोक्ता चाहे तो पूरा एस्टीमेट निगम में जमा कर सकता है, इस पर कार्य कराने की जिम्मेदारी निगम की होती है। दूसरा, उपभोक्ता 15 फीसदी शुल्क जमा कर निगम की देखरेख में खुद कार्य कराता है।
हाल ही में करीब 42 लाख से हापुड़ डिवीजन में एक निजी कॉलोनी का विद्युतीकरण किया गया है। विद्युतीकरण के लिए उपभोक्ता ने निगम में 42 लाख रुपये जमा कराए थे। ऐसे में निगम के अफसरों की जिम्मेदारी थी कि वह उस संस्था से कार्य कराए जिस पर टेंडर है। लेकिन उक्त कॉलोनी का कार्य उक्त संस्था से नहीं कराया गया और न ही इस कार्य के संबंध में कोई टेंडर निकाला गया। जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने किसी चहेते से पूरा कार्य करा लिया।
लेकिन इस मामले में खलबली तब मची जब चोरों ने कॉलोनी के बाहर लगा 250केवी क्षमता का ट्रांसफार्मर चोरी कर लिया। आनन फानन में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। लेकिन निगम ने अपना पल्ला झाड़ दिया है और कहा है कि कॉलोनी की विद्युत लाइन जब तक उनके हैंडओवर नहीं होती, तब तक सामान की कोई जिम्मेदारी ऊर्जा निगम की नहीं है। इस कॉलोनी के पास ही एक अन्य निजी कॉलोनी का विद्युतीकरण किया गया। वहां से भी ट्रांसफार्मर चोरी हुआ है।
बुलंदशहर रोड पर लाइन शिफ्टिंग के कारण मंगलवार को मोहल्ला राजीव विहार, छज्जुपुरा, महेशपुरी, किशनपुरा, मजीदपुरा गली नंबर एक व दो, पीरबाउद्दीन की सप्लाई सुबह 11 से शाम तीन बजे तक बाधित रही। उपभोक्ताओं को काफी परेशान होना पड़ा।
उपखंड अधिकारी तृतीय तुषार- ने बताया की कॉलोनी के ऊर्जीकरण की जांच करा ली जाएगी। हाल ही में चार्ज लिया है, इसलिए जानकारी नहीं है। अवर अभियंता से जानकारी की गई है। हालांकि लाइन हैंडओवर होने के बाद ही रख रखाव की जिम्मेदारी निगम पर आती है।