जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर के गंगा किनारे बसी तंबू नगरी और ब्रजघाट में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान सुबह चार बजे से शुरू हो गया। लाखों श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयघोष के साथ आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से मेला स्थल और गंगानगरी में चहल-पहल बनी रही।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए एक सप्ताह से भी अधिक समय तक मेला क्षेत्र में डेरे लगाकर निवास कर रहे श्रद्धालुओं का इंतजार शुक्रवार को खत्म हुआ। कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को लाखों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तट पर पहुंच गई, जहां सुबह से शुरू हुआ स्नान का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। अपने और परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की। ब्रजघाट और पुष्पावती पूठ के तटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने आस्था के साथ गंगा स्नान किया। गंगा किनारे महिलाओं ने पूजन किया।
कार्तिक पूर्णिमा मेले में प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज संस्था द्वारा शिविर लगाया हुआ था। शिविर में भक्तों को 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन कराए गए। इसमें भगवान श्री कृष्ण के बाल आयु की भी प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावा विशाल शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक का केंद्र बना रहा। कार्तिक पूर्णिमा मेले में सुबह बैंडबाजों के साथ लोकगीत गाते हुए महिलाएं गंगा पूजन करने के लिए घाटों पर पहुंची। मान्यता है कि संतान प्राप्ति व अन्य मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु मेले में आकर गंगा पूजन और बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर बाबा गरीब दास, बाबा बुद्ध दास, दिल्ली सेक्टर में दयाल वाले बाबा, रुस्तगी शिविर, गंगानगरी में राधा वल्लभ आश्रम के साथ ही विभिन्न स्थानों पर भंडारे किए गए। जिनमें गरीब-निराश्रितों को भोजन कराया या गया। इस दौरान महंत शक्तिदास महाराज, पुजारी मोहित दास, तंवर सैन, विनोद बंसल, डॉ. निशांत आदि मौजूद रहे।