हापुड़ में बफर गोदाम समेत जिले की 36 सहकारी समिति और गन्ना केंद्रों के गोदामों में डीएपी का स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। डीएम के आदेश पर बफर गोदाम में बचा 80 एमटी डीएपी भी मंगलवार को बंटवा दी गई। केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लगी रहीं। नकद केंद्रों पर भी बुरा हाल है। अभी तीन से चार दिन संकट और गहरा सकता है। क्योंकि ओडिशा से रैक आने में समय लगेगा। वहीं गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है।
जिले में बड़े पैमाने पर आलू और गेहूं की खेती होती है। दोनों फसलों की बुवाई में किसान डीएपी का प्रयोग करते हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने से डीएपी की मांग अधिक बढ़ गई है। हापुड़ में डीएपी का स्टॉक लगभग खत्म है। जिले में डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसान इधर उधर भटक रहे है।
समितियों के गोदामों पर सुबह 9 बजे से ही किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं। डीएपी के इंतजार में किसान सुबह से शाम तक खड़े होकर मायूस लौट रहे हैं। हापुड़ ही नहीं जिले की तीनों तहसीलों में डीएपी का संकट बन गया है। पिछले दिनों जिले को करीब 1400 एमटी डीएपी मिली थी। इसमें सिर्फ 50 एमटी गन्ना समिति, करीब 250 एमटी नकद केंद्र और बाकी सहकारी समितियों को मिली थी।
एआर कोऑपरेटिव प्रेम शंकर- ने बताया की डीएम के आदेश पर बफर गोदाम से समितियों को 80 एमटी (मीट्रिक टन) डीएपी उपलब्ध कराया गया है। जल्द ही ओडिशा से रैक हापुड़ पहुंच जाएगी। किसान आवश्यकता के अनुसार ही डीएपी खरीदें।