जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में काला और सफेद रंग वैसे ही मन को लुभाता है। अब ऐसे में यदि ऐसा रंग किसी घोड़ी का हो तो उसकी सुंदरता का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। बुलंदशहर की चुनमुन नाम की एक ऐसी ही घोड़ी अश्वपालकों का दिल जीत रही है। पशु मेले में आए करीब 500 घोड़ों में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बनी चुनमुन मेले में केवल प्रदर्शनी के लिए लाई गई है।
सुप्रसिद्ध पशु मेले में देश के अलग- अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच पशुओं की खरीद-फरोख्त भी मेले के मुख्य आयोजनों में से एक है। इसमें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहते हैं विभिन्न प्रजातियों के घोड़े, जिन्हें हासिल करने के लिए कई बड़े आसामी मेले पहुंचते हैं। कई अश्वपालक भी अपने शौक व जुनून के चलते घोड़ों को तैयार करते हैं, इनमें कई तो ऐसे भी होते हैं, जो अपने अश्वों को पुष्कर मेले में केवल प्रदर्शनी के लिए लाते हैं।
प्रदर्शनी के लिए मेले में लाई गई ऐसी ही एक घोड़ी है चुनमुन, जिसे देखकर हर कोई उसे खरीदने के लिए मचल रहा है। चुनमुन मेले में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस घोड़ी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है, तो वही लोग इस घोड़ी की फोटो लेने के लिए भी उत्साहित नजर आ रहे है। बुलंदशहर के अश्वपालक सोनू की यह चुनमुन नाम की घोड़ी मेले में आए अश्वपालकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुई है। साढ़े चार साल की चुनमुन मेले में दूसरी बार आई है। नुकरा नस्ल व अबोर लाइन के इस घोड़े की खासियत यह है कि इसकी ऊंचाई काफी अधिक है तथा इसका रंग काला और सफेद है। अश्व मालिक सोनू ने बताया कि उसने यह घोड़ी पंजाब से खरीदी थी। मेले में वह इसे बेचने के लिए नहीं, बल्कि प्रदर्शित करने के लिए लेकर आए हैं।
उल्लेखनीय है कि मेले में इस बार भी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों से आकर्षक कद-काठी के कई पशु शामिल हो रहे हैं। पशु मेले में अभी खरीद-फरोख्त शुरू नहीं हो पाई है। पशु मेले में दुकान सजना शुरू हो गई हैं।