हापुड़ जिले के तीनों डिवीजन में तीन साल के अंदर करीब 35 हजार बिजली उपभोक्ता बढ़े हैं, लेकिन सालों से हापुड़ के अधिकांश बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि नहीं हो सकी है। बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि नहीं होने से लाइन लॉस हो रहा है। इन गर्मियों में चार बिजलीघरों के बड़े ट्रांसफार्मर भी फुंक चुके हैं। वहीं, शहर की कई पुरानी कॉलोनियों में विद्युतीकरण तक नहीं हुआ।
हर घर बिजली पहुंचाने के लिए सालों से ऊर्जा निगम की योजनाएं चली आ रही हैं। इन योजनाओं में घर घर मीटर लगाकर कनेक्शन तो दिए गए, लेकिन जरूरत के अनुसार सप्लाई देने के लिए संसाधन पुराने ही रहे। जिले में बिजली की बेहतर सप्लाई को लेकर ऊर्जा निगम के संसाधनों में कोई खास इजाफा नहीं हुआ।
इन गर्मियों में जिले के चार बिजलीघरों पर लगे पांच एमवीए क्षमता के चार ट्रांसफार्मर खराब हो गए। 200 से ज्यादा छोटे ट्रांसफार्मर भी ओवरलोड होकर फुंक गए। कुल मिलाकर तीन सालों में करीब 35 हजार उपभोक्ता बढ़ गए हैं, लेकिन संसाधनों की कमी व्यवस्था को खराब कर रही है। सालों से हापुड़ के अधिकांश बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि नहीं हो सकी है।
हापुड़ के दिल्ली रोड बिजलीघरों पर उपभोक्ताओं की संख्या जिले में सबसे अधिक है। इसकी वर्तमान क्षमता 30 एमवीए है, जिसे बढ़ाकर 40 एमवीए किया जाएगा। इस कार्य को अनुमति मिल गई है। 22 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिलेगा।
हापुड़ डिवीजन की मोती कॉलोनी में एक हजार से भी ज्यादा कनेक्शन हैं, लेकिन इस कॉलोनी का अभी तक विद्युतीकरण नहीं किया गया है। निगम अफसरों ने सुविधा शुल्क लेकर लंबी दूरी के कनेक्शन बांट दिए। कॉलोनी में न तो पर्याप्त ट्रांसफार्मर हैं और न ही विद्युत लाइनें ।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की जिले में बिजली की बेहतर सप्लाई को लेकर लगातार संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि से लेकर नए बिजलीघर प्रस्तावित हैं। उपभोक्ताओं को निर्बाध सप्लाई देने की तैयारियां पूरी हैं।