हापुड़ जिले में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीज बढ़े हैं। इसी साल 374 नए मरीज चिह्नित किए गए हैं। जिनका उपचार जिला अस्पताल में शुरू हो गया है। साथ ही वायरस लोड मशीन पर भी 160 लोगों के सैंपल जांच को लगाए गए हैं। काली नदी, छोईया किनारे बसे गांवों में अधिकांश मरीज मिले हैं।
जिले में हेपेटाइटिस के 374 मरीज मिले है। हेपेटाइटिस की जांच बेहद महंगी हैं। जिले में पहले कार्ड से ही जांच होती थी। जिस कारण मरीजों को मेरठ मेडिकल जाकर एक से डेढ़ महीने रिपोर्ट आने का इंतजार करना पड़ता था। इससे संबंधित व्यक्ति को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मरीजों की बढ़ती संख्या में जिला अस्पताल में ही आधुनिक वायरल लोड मशीन लगाई गई है। दवाओं की भी निशुल्क सुविधा मरीजों के लिए शुरू हुई है। जिला अस्पताल में निशुल्क जांच सुविधा मिलने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस साल स्वास्थ्य विभाग ने 374 मरीज चिह्नित किए हैं। इनमें बुजुर्ग और युवा मरीज शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन मरीजों की निगरानी जिला अस्पताल से होगी। नोडल ऑफिसर तनुज शर्मा ने बताया कि आधुनिक मशीन पर 160 लोगों के नमूनों की जांच की गई है।
फिजीशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी बीमारी है। इसके लक्षण अन्य बीमारियों से काफी मिलते- जुलते हैं। इसीलिए सही जांच के बिना इसकी पहचान करना आसान नहीं होता है। यह संक्रमण पांच प्रकार के हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है। इसमें हेपेटाइटिस-ए, बी, सी, डी और ई (एचएवी, एचबीवी, एचसीवी, एचवीवी और एचईवी) शामिल हैं।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की हेपेटाइटिस के मरीजों को जिला अस्पताल में बेहतर उपचार दिया जा रहा है। दवाएं और आवश्यक जांच की सुविधा की गई है। मरीजों को अब भटकने की जरूरत नहीं है।