हापुड़ जिले को 1144 एमटी (मीट्रिक टन) डीएपी मिल गया है। आलू की बुवाई में जुटे किसान अब 36 सहकारी समेत 57 नकद बिक्री केंद्रों से डीएपी खरीद सकेंगे। डीएपी की मांग बढ़ने के साथ ही ओवर रेटिंग और कालाबाजारी की संभावना को लेकर भी अधिकारी सतर्क हो गए हैं। विक्रेता खतौनी के आधार पर किसानों को डीएपी देंगे, अधिकारी इसका सत्यापन भी करेंगे।
आलू बुवाई को लेकर जिले में डीएपी की जबरदस्त मांग है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से सहकारी समिति, गन्ना समिति और नकद बिक्री केंद्रों पर डीएपी के स्टॉक की कमी चल रही थी। किसान आए दिन हंगामा भी कर रहे थे। सोमवार को कांधला से मालगाड़ी के जरिए जिले के लिए 1144 एमटी डीएपी उपलब्ध कराई गई।
रैक आने पर इफ्को के नकद बिक्री केंद्रों को 228 एमटी, गन्ना समिति को 54 एमटी और सहकारी समितियों को 850 एमटी डीएपी दी गई। ट्रकों के जरिए सीधे बिक्री केंद्रों पर उर्वरक भेजे गए। किसानों को जोत के अनुसार ही उर्वरकों का वितरण होगा। अब गेहूं की बुवाई भी शुरू हो गई है, ऐसे में डीएपी और एनपीके की अतिरिक्त मांग बढ़ने के आसार हैं।
डीएपी की मांग बढ़ने के साथ ही ओवर रेटिंग और कालाबाजारी की संभावना को लेकर भी अधिकारी सतर्क हो गए हैं। किसानों से फीड बैक लेने के साथ ही पीओएस मशीनों से भी रिकॉर्ड का मिलान किया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जिले में अब डीएपी का करीब 1500 एमटी स्टॉक है। किसान जरूरत के अनुसार ही डीएपी लें, समस्त बिक्री केंद्रों पर खाद उपलब्ध करा दिया है। अब किसानों को परेशानी नहीं होगी।