हापुड़ जिले में धान और गन्ने की पराली से सीएनजी, एलपीजी और जैविक खाद तैयार होगी। शासन ने 110 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। रिलायंस ने चितौली रोड पर 25 एकड़ में प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है। रोजाना 20 टन सीएनजी, एलपीजी उत्पादित होगी। ऐसे में गाड़ियों में ईंधन की कमी नहीं होगी और ही घरेलू गैस भी आसानी से मिल सकेगी। जिससे जिले की जरूरत को पूरा किया जाएगा।
पराली जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। ग्रैप का पहला चरण शुरू हो गया है, सेटेलाइट से पराली जलाने पर नजर रखी जा रही है। पराली का निस्तारण ऊर्जा उत्पादन में हो सके, इसके लिए हापुड़ को उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति में शामिल किया गया। यह प्रोजेक्ट रिलायंस को मिला है।
चितौली में बाईपास किनारे करीब 110 करोड़ से प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया गया है। 50 किलोमीटर के दायरे में जितनी पराली होगी, उसका निस्तारण प्लांट में हो सकेगा। आधुनिक मशीनों से पराली को सीएनजी, एलपीजी ऊर्जा में रूपांतरित किया जाएगा। पराली से प्रतिदिन 20 टन सीएनजी, एलपीजी उत्पादित होगी। साथ ही जैविक उर्वरक भी तैयार होगा। शासन की प्राथमिकता में यह शामिल है, जमीन और बिजली कनेक्शन का शुल्क भी सरकार ही वहन करेगी।
हापुड़ के 50 किलोमीटर दायरे में मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, अमरोहा जनपद आते हैं। इन जिलों के किसानों से पराली खरीदी जा सकेगी। किसानों को खेतों में पराली के बदले अच्छे दाम मिल सकेंगे। जिसका पर्यावरण को भी काफी लाभ मिलेगा।
प्रोजेक्ट ईई आनंद मोहन- का कहना है की चितौली के पास करीब 25 एकड़ में 110 करोड़ की लागत से बन रहे प्लांट में पराली से प्रतिदिन 20 टन सीएनजी, एलपीजी उत्पादित होगी। साथ ही जैविक उर्वरक भी तैयार होगा। प्लांट के ऊर्जीकरण के लिए ऊर्जा निगम में आवेदन कर दिया है।
अधिशासी अभियंता आरपी वर्मा- ने बताया की चितौली में रिलायंस की ओर से 2500 केवीए के कनेक्शन की मांग की गई है। नियमानुसार कनेक्शन दिया जाएगा।