हापुड़ शहर में मच्छरों का प्रकोप और इससे होने वाली बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन नगर पालिका के पास इससे बचाव के इंतजाम नाकाफी हैं। तीन लाख की आबादी पर मात्र चार फागिंग मशीनें हैं। इस कारण रोस्टर के अनुसार भी एक वार्ड में फागिंग का नंबर 20 वें दिन या उसके बाद जाकर आ रहा है। नगर पालिका में फॉगिंग को लेकर हर दिन चार से पांच शिकायतें आ रही हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सिफारिश पर ही फॉगिंग की जा रही है।
बरसात के बाद अब अचानक से मच्छर तेजी से बढ़े हैं। इस कारण मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं, लेकिन नगर पालिका इस दिशा में लीपापोती के अलावा कुछ नहीं कर रही है। जबकि, नियमानुसार पालिका के पास 41 वार्डों के लिए कम से कम 20 मशीनें होना जरूरी है। जिससे कि हर दूसरे दिन वार्ड में फागिंग हो सके, लेकिन अधिकारियों के पास मशीनें तक नहीं हैं। जिससे वह फागिंग सही प्रकार से करा सकें।
अब वर्तमान में नगर पालिका ने जो रोस्टर बनाया हुआ है। उसके अनुसार चार मशीनें प्रतिदिन दो वार्डों में फागिंग करती हैं। इन मशीनों पर प्रतिदिन 90 से 95 लीटर डीजल, फागिंग दवाई और कर्मचारियों का खर्चा आता है। रोस्टर के अलावा कभी किसी दिन अन्य वार्ड में फागिंग होती है। जबकि, किसी दिन दूसरे वार्ड में फागिंग हो रही है। इसमें भी रोस्टर से काम नहीं चल रहा है।
शिकायतों के बाद भी अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। जबकि, फागिंग पर हर दिन करीब 10 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी मच्छरों के कारण बीमारी अधिक हो रही हैं।
ईओ मनोज कुमार- ने बताया की अभी चार मशीनों के जरिए फॉगिंग कराई जा रही है। मशीनें खरीदने को लेकर आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखेंगे। कहीं कोई शिकायत मिल रही है तो उसका समाधान करा रहे हैं।