हापुड़ में दिवाली उत्सव की शुरुआत 29 अक्तूबर को धनतेरस के साथ हो रही है। 30 अक्तूबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली मनाई जाएगी। वहीं इस वर्ष दिवाली की तारीख को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के पदाधिकारियों ने दिल्ली रोड स्थित गाय वाला मंदिर पर बैठक आयोजित कर एक नवंबर को दिवाली मनाने का निर्णय लिया। वहीं तीन नवंबर को भैयादूज पर्व मनाया जाएगा।
दिपावली का पर्व पूरे देश में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ये त्योहार रोशनी का प्रतीक माना जाता है। दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पूरे घर को सजाया जाता है और शाम के समय पूरे घर में दीप जलाएं जाते हैं। दीवाली का पर्व हर साल कार्तिक मास अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। ऐसे में दिवाली की तिथि को लेकर इस बार बहुत सारी दुविधाएं चली रही हैं।
महासभा के अध्यक्ष केसी पांडेय ने बताया कि दिवाली पर्व मात्र एक दिन का पर्व नहीं है। यह पंच दिवसीय लक्ष्मी पूजन पर्व है जो कर्मकाल तिथि वृद्धि होने से इस बार 29 अक्तूबर को धनतेरस के साथ प्रारंभ होकर तीन नवंबर को भैयादूज के साथ संपन्न होगा। दिवाली में रात्रि व प्रदोष के साथ सुबह स्नान, लक्ष्मी पूजन निराजन के साथ मध्यान्ह, श्राद्ध का भी उतना ही महत्व है, जिसमें प्रदोष कालीन प्राप्त अमावस्या तिथि प्रमुख पर्व दिन है। अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3.53 बजे से एक नवंबर को शाम 6.16 बजे तक है।
संरक्षक व परामर्श मंडल डॉ. वासुदेव शर्मा, कमलेश गिल्डियाल और आचार्य देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि निर्णय सिंधु व धर्म सिंधु के अनुसार दो दिन प्रदोष काल में अमावस्या प्राप्त होने या दो दिन अमावस्या होने पर यदि अगले दिन साढ़े तीन पहर से अधिक अमावस्या तिथि है तो अगले दिन ही दीपावली बताया गया है। धनतेरस के दिन धन्वंतरि अमृत कलश लेकर व मां लक्ष्मी भी समुद्र मंथन से इस दिन प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए धन के स्वामी कुबेर, देव धनवंतरी व लक्ष्मी जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। बैठक में अखिलेश शर्मा, अजय पांडेय, ओम प्रकाश पोखरियाल, ऋषि शर्मा, जगदंबा शर्मा, संतोष तिवारी, शिवम पांडेय, आदित्य भारद्वाज, सर्वेश तिवारी, आशुतोष शुक्ला आदि मौजूद रहे।
धनतेरस पूजन मुहूर्त : 29 अक्तूबर
शाम 7.12 से 8.49 बजे स्थिर लग्न, लाभ चौघड़िया
खरीदारी शुभ मुहूर्त
सुबह 06.33 से दोपहर 1.23 बजे लाभ चौघड़िया, अभिजीत व अमृत चोघड़िया, दोपहर बाद 2.49 से 4.12 तक व शाम 7.12 से 8.49 बजे तक
30 अक्तूबर धनतेरस खरीदारी मुहूर्त
सुबह 6.34 से 9.16 बजे तक, दोपहर 10.39 से 12.02 बजे तक
नरक चतुर्दशी : 30 अक्तूबर
यम दीपदान – सांयकाल, हनुमान जयंती पूजन सायं 6.26 से 8.22 बजे तक
रुप चतुर्दशी : 31 अक्तूबर
अभ्यांग स्नान – सुबह 4.59 बजे से सूर्योदय तक
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त
01 नवंबर- शाम 5.29 से 8.14 बजे प्रदोषकाल स्थिर लग्न
रात 8.47 से 10.24 बजे के बीच भी पूजन व अन्य शुभ कार्य कर सकते है।
निशीथकाल पूजन
रात 12.02 से 3.08 बजे तक शुभ, अमृत चौघड़िया, स्थिर लग्न
गोवर्धन पूजा मुहूर्त : 02 नवंबर
सुबह 7.56 से 9.19 बजे तक व शाम 5.32 से 8.10 बजे तक
भैयादूज स्नान, तिलक, पूजन, भोजन मुहूर्त 03 नवंबर
सुबह 9.17 से 12.02 बजे
दोपहर 01.24 से 2.47 बजे तक
शाम 5.31 से रात 10.05 बजे तक