जनपद हापुड़ के ब्रजघाट में बृहस्पतिवार को शरद पूर्णिमा का स्नान होगा। लेकिन बुधवार शाम से ही लाखों श्रद्धालु ब्रजघाट आना शुरू हो जाएंगे। गंगा स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा व जाम की स्थिति को संभालने के लिए पुलिस-प्रशासन ने भी चाक चौबंद व्यवस्था की है।
पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दूसरे दिन आती है, ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपने चरम पर चमकता है और 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन जब चंद्रमा की किरणें धरती पर पड़ती हैं तो ऐसा लगता है मानों अमृत बरस रहा हो। शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखना बहुत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इस खीर को खाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि शरद पूर्णिमा का आगमन बुधवार रात आठ बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 17 अक्तूबर की शाम चार बजकर 55 मिनट तक रहेगी। शरद पूर्णिमा पर चोलों से बनी खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखे जाने की परंपरा है। बृहस्पतिवार की रात्रि प्रथमा तिथि का आगमन हो जाएगा, इसलिए बुधवार (आज) रात ही खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखना उत्तम होगा।
वहीं पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि उदया तिथि होने के कारण बृहस्पतिवार को शरद पूर्णिमा का स्नान होगा। उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर महालक्ष्मी की आराधना करना विशेष फलदाई माना जाता है।
सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त रहेंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पुलिस की तैनाती की जाएगी। वहीं खराब वाहनों को सड़क से हटाने के लिए हाईवे पर क्रेन की भी व्यवस्था की गई है। गंगा के मुख्य स्नानघाटों पर सादी वर्दी में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि छेडख़ानी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए नाविकों की भी व्यवस्था की गई है।