हापुड़ के ब्रजघाट में गंगाजल पीने लायक नहीं है, सितंबर माह की रिपोर्ट में कोलीफार्म की मात्रा 840 तक आई है। करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी ब्रजघाट में गंगा का पानी पीने और आचमन करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हालांकि, स्नान करने के लिए उपयुक्त है। इससे श्रद्धालुओं को कुछ राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन हर दिन घर में पूजा-अर्चना कर गंगा जल पीने वालों के लिए यह रिपोर्ट जरूर निराशाजनक है।
ब्रजघाट में हर दिन हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान कर आचमन करने आते हैं। साथ ही यहां से गंगा जल भरकर घर और दुकानों पर पूजा- अर्चना करने के लिए लेकर जाते हैं। लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट लोगों को परेशान करने वाली है। सितंबर माह में गढ़ के ब्रजघाट से गंगाजल के पानी के नमूने लिए थे। इन नमूनों को तीन स्तर पर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था।
इसके बाद बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर सितंबर माह की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भी कोलीफार्म की मात्रा 840 तक आई है। जबकि, यह मात्रा 50 से भी कम होनी चाहिए। इसके अलावा बायो केमिकल ऑक्सीजन की डिमांड भी 2.4 मिलीग्राम प्रति लीटर आई है, यह दो मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होनी चाहिए थी। इस कारण ही ए श्रेणी में पानी पीने लायक कैटेगिरी में शामिल नहीं हो रहा है। हालांकि, पानी को पीने के लिए सी श्रेणी में जरूर रखा गया है। इस पानी को भी ट्रीटमेंट के बाद ही पीने की सलाह दी गई है।
जल निगम अधिशासी अभियंता विनय रावत- ने बताया की वर्तमान में एसटीपी तो संचालित हैं, लेकिन इनके पाइप की मरम्मत बजट न होने के कारण नहीं हो सकी है। शासन को डीपीआर भेज चुके हैं। इस माह बजट मिलने की उम्मीद है।