हापुड़ में 220 करोड़ के नलकूप बिल घोटाले से बिगड़े लेजरों को ठीक करने की कवायद शुरू हो गई है। मंगलवार को निदेशक वाणिज्य, मुख्य अभियंता समेत निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम हापुड़ पहुंची। करीब चार घंटे तक सर्किल कार्यालय में अहम दस्तावेज खंगाले गए। किसानों का पक्ष सुना गया और कुछ पुरानी रसीदें भी तलब की। किसानों को जल्द ही राहत मिलेगी।
करीब 20 साल पहले यह घोटाला हुआ था। लेकिन घपले की धनराशि को किसानों के बिलों में जोड़ दिया गया। पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर किसानों ने सात दिन तक धरना प्रदर्शन कर, बिलों से इस फर्जी बकायेदारी को हटाने की मांग उठाई थी। ऊर्जा निगम के अफसरों ने 15 अक्तूबर तक समाधान का आश्वासन दिया था।
मंगलवार को ऊर्जा निगम के वाणिज्य निदेशक संजय जैन, मुख्य अभियंता राजीव अग्रवाल समेत अधिशासी अभियंताओं की टीम ने सर्किल कार्यालय में इस पूरे प्रकरण पर चर्चा की। अधिकारियों ने 220 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े दस्तावेज खंगाले। पूर्व में एमडी कार्यालय की टीम घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज को अपने साथ ले गई थी, इस पर भी फीडबैक लिया गया। करीब चार घंटे तक अहम दस्तावेज खंगाले गए। पूरे प्रकरण पर गहनता से विचार किया गया।
टीम में आए कुछ अधिकारियों ने बताया कि बिगड़े बिल संशोधित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उच्चस्तरीय अधिकारी अब पूरे मामले से जुड़ गए हैं, जल्द ही किसानों को इसमें बड़ी राहत मिल सकती है।
मुख्य अभियंता राजीव अग्रवाल- ने बताया की नलकूप बिलों में गड़बड़ी के मामले में किसान संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता की गई है, उनका पक्ष सुना गया है। किसानों को जल्द राहत दिलाने की तैयारी है।