हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग झोलाछापों को नोटिस थमाकर उगाही में जुटा है। भमैड़ा निवासी एक क्लीनिक संचालक ने स्वास्थ्य कर्मियों पर नोटिस के बदले दस हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है। मामला गढ़ विधायक तक पहुंचा तो उन्होंने सीएमओ को अवगत कराया।
जिले में झोलाछापों पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कार्यालय से इन्हें नोटिस दिए तो जाते हैं। लेकिन इनके संचालन पर कोई असर नहीं पड़ता। इसके पीछे नोटिसों के बदले उगाही का खेल है। इस तरह उगाही का खेल नहीं चलने दिया जाएगा। 10 सितंबर को भमैड़ा में चल रहे ऐसे ही क्लीनिक संचालक को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भेजा था। उसे पंजीकरण फाइल लेकर कार्यालय बुलाया गया। जबकि विभागीय अधिकारियों पर हर क्लीनिक का रिकॉर्ड होता है कि वह पंजीकृत है अथवा नहीं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी है।
क्लीनिक के संचालक साहिल ने आरोप लगाया कि नोटिस देकर उसे कार्यालय बुलाया गया। जहां स्वास्थ्य कर्मियों ने उससे दस हजार रुपये की मांग की। पैसे नहीं देने पर क्लीनिक को सील कर एफआईआर करने की भी चेतावनी दी गई। इस मामले में साहिल के पिता गढ़ विधायक हरेंद्र तेवतिया से मिले। इससे पहले भी विधायक को गांवों से शिकायत मिल रही थी। स्वास्थ्य विभाग पहले नोटिस थमाता है और इसके बाद अवैध वसूली करता है। उन्होंने सीएमओ को मामले से अवगत कराया और आवश्यक कार्यवाही के लिए कहा।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की गढ़ विधायक ने मामले की जानकारी दी है। जिन पर आरोप लगा है वह अभी लखनऊ गए हैं। इस मामले की जांच कर, आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।