जनपद हापुड़ में छह से अधिक विभाग मिलकर भी सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में होने वाले निर्णयों पर अमल नहीं कर रहे हैं। लाखों खर्च के बाद भी ब्लैक स्पॉट और अवैध कट पर हादसे जारी हैं। जबकि, डीएम हर माह बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगा रही हैं। इसके बाद भी एक ब्लैक स्पॉट तक सूची से बाहर नहीं निकल सका है।
सावधान.. अगर आप राष्ट्रीय राजमार्ग या हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो सावधान अवश्य हो जाना चाहिए, क्योंकि इन मुख्य मार्गों पर मौजूद ब्लैक स्पाट व अवैध कट किसी भी समय हादसे का सबब बन सकते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों में जनपद में कुल 21 ब्लैक स्पाट हैं। इसमें से 15 ब्लैक स्पॉट अकेले राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ पर हैं। कुल सभी ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर ही है। वर्ष 2021 में भी जिले में इतने ही ब्लैक स्पॉट थे, जो आज भी बरकरार हैं। अब आगामी दिनों में सर्दियों की शुरूआत होगी।
इसके साथ ही कोहरा भी पड़ेगा। ऐसे में ब्लैक स्पॉट और अवैध कट पर होने वाले हादसों को रोकना बड़ी चुनौती है। सरकारी आंकड़ों में पिछले तीन महीने में जिले में सड़क दुर्घटनाएं तो कम हुई हैं, लेकिन अब सर्दियों के साथ ही दुर्घटनाएं भी बढ़ेंगी।
जबकि, इन ब्लैक स्पॉट और अवैध कट को खत्म करने के लिए लगातार उच्च अधिकारी निर्देश दे रहे हैं। इसके बाद भी कोई बेहतर कदम अब तक नहीं उठाया गया है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके। इन ब्लैक स्पॉट और अवैध कट को खत्म करने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, स्थानीय पुलिस सहित अन्य विभागों का भी है। इसके बाद भी धरातल पर एक भी ब्लैक स्पॉट खत्म नहीं हुआ है।
एआरटीओ प्रवर्तन रमेश चौबे- ने बताया की पिछली बैठक में जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को ब्लैक स्पॉट कम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद चार ब्लैक स्पॉट पर पीडब्लूडी ने कार्य शुरू कराया है।