हापुड़ जिले के तीनों डिवीजन में ऊर्जा निगम के अधिकारियों द्वारा दिए गए बड़े कॉमर्शियल कनेक्शनों की टीम अब जांच होगी। अधिकारी एस्टीमेट में कॉस्ट बुक और मौके पर लगे सामान के बीच फेर बदल नहीं कर सकेंगे। कई बड़े मामले सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
20 किलोवाट से अधिक क्षमता के अधिकांश कॉमर्शियल कनेक्शन अधिकारियों की रडार पर रहते हैं। बड़े कनेक्शन की आड़ में उगाही का खूब खेल होता है। भारतीय रक्षा प्रणाली के एस्टीमेट में ठेकेदार के माध्यम से लाभ कमाने के लिए निगम के अधिकारियों ने एक ही पत्रांक पर दो एस्टीमेट तैयार किए थे। निगम की कॉस्ट बुक से अलग सामान का रेट एस्टीमेट में लिया गया था।
अब बिजनेस प्लान और रिवैंप योजना में किए जा रहे ऐसे ही कार्यों की निगरानी शुरू हो गई है। स्पेशल टीम इनकी निगरानी करेगी। इसके साथ ही बड़े कनेक्शनों की जांच भी स्पेशल टीम द्वारा की जाएगी, जो सीधे शासन को रिपोर्ट प्रेषित करेगी। जिसमे अधिकारी मिलीभगतकर खेल नहीं ‘कर सकेंगे।
अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार- ने बताया की कॉमर्शियल कनेक्शन नियम के अनुसार ही होंगे। इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं होने दी जाएगी। स्पेशल टीम भी ऐसे कार्यों की निगरानी करेंगे।