हर साल बड़े धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस साल 7 सितंबर से गणेशोत्सव आरंभ होगा। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर लगातार 10 दिनों तक बड़े धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाएगा,इस दौरान घर के मंदिर या पूजा-पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाती है,और उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
गणेश चतुर्थी का पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बाजार गुलजार हो रहा है। श्रद्धालुओं की बाजार में गणेश की मूर्ति खरीदने को लेकर भीड़ उमड़ रही है। पंचांग के अनुसार सात सितंबर को घर-घर गणपति बप्पा विराजमान होंगे। इसके लिए बाजार में सुंदर-सुंदर मूर्तियां बिक्री के लिए तैयार की गई हैं। गोपीपुरा मोहल्ले में भगवान गणेश की मूर्ति को युवती अंतिम रूप देती दिखी। बाजार भी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं से सज गए हैं।
भगवान गणेश के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश एक पूजनीय देवता हैं। जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक समेत कई नामों से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई करते हैं।
इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को होगा। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन खासतौर से इसकी धूम महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मिलती है। गणेश उत्सव को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।