हापुड़ में बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव में रिश्ते के दादा ने 13 साल की बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। अब 13 वर्षीय मासूम बच्ची का मेरठ में अगले महीने प्रसव होगा। बच्ची में खून की कमी है। हीमोग्लोबिन सिर्फ आठ जीएम है, भ्रूण जीवित है और प्रसव जोखिमपूर्ण है। सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि बच्ची का प्रसव दो स्त्री रोग विशेषज्ञों के पैनल में होना सुरक्षित है।
दरअसल, हापुड़ के सरकारी अस्पतालों में ओटी और इमरजेंसी की व्यवस्था सुचारू नहीं है। जिले में कोई सर्जन भी नहीं है, स्त्री रोग विशेषज्ञ भी सिर्फ एक है। रक्त की व्यवस्था का भी उचित विकल्प नहीं है। कोर्ट ने बच्ची के प्रसव के संबंध में सीएमओ से रिपोर्ट मांगी थी। जांच के उपरांत पता चला कि बच्ची के शरीर में खून की बेहद कमी है।
हीमोग्लोबिन का स्तर महज आठ जीएम है, जिसमें सिजेरियन या सामान्य प्रसव कराना खतरनाक है। बच्ची की लंबाई भी कम है, ऐसे में उसका प्रसव बेहद जोखिमपूर्ण है। मेरठ मेडिकल में प्रसव कराना सुविधाजनक माना गया। सीएमओ ने दो स्त्री रोग विशेषज्ञ के पैनल की निगरानी में जीवनरक्षक उपकरणों के साथ प्रसव की प्रक्रिया अपनाने की रिपोर्ट दी है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की पीड़ित अब आठ महीने से अधिक की गर्भवती है, सुरक्षित प्रसव के लिए मेरठ मेडिकल सही होगा। दो स्त्री रोग विशेषज्ञ का पैनल जरूरी है। पूरी रिपोर्ट से न्यायालय को अवगत करा दिया गया है।