हापुड़ जिले में वक्फ की संपत्तियां तो जगह-जगह हैं, लेकिन यह तहसील के राजस्व अभिलेखों में पूरी तरह से नोटिफाइड (दर्ज) नहीं है। जिस कारण संपत्ति को लेकर बार-बार बड़ा सवाल खड़ा होता है। अल्पसंख्यक विभाग ने अब वक्फ बोर्ड संपत्तियों की तलाश में डाटा जुटाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नगर पालिकाओं, संबंधित विभागों और वक्फ बोर्ड से सूची मांगी गई है।
शासन ने वक्फ की संपत्तियों को लेकर जांच समिति गठित की थी। इसको लेकर पूर्व में एक बैठक भी हुई थी। इसमें बताया गया था कि शहर व गांवों में वक्फ की संपत्ति हैं, लेकिन ऐसी भूमि व परिसम्पत्तियां हैं, जो वक्फ की संपत्ति के रूप में नोटिफाइड नहीं हैं। शासन ने इस स्थिति को स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे। जिससे कि जमीनों की स्थिति स्पष्ट हो सके।
जिसके बाद जिले की तीनों नगर पालिका, बाबूगढ़ नगर पंचायत, उत्तर प्रदेश शिया/ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से तीन दिन में सूची मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार, बड़े स्तर पर तहसील के राजस्व अभिलेखों में भूमि दर्ज न होने के कारण संपत्ति को लेकर बार-बार बड़ा सवाल खड़ा होता है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम ने बताया कि संबंधित विभागों और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों से सूचना मांगी गई थी। जो भूमि वक्फ बोर्ड में दर्ज हैं, लेकिन राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं। उन्हें दर्ज कराया जाएगा। नगर पालिकाओं ने अभी सूचना नहीं दी है।