हापुड़ जिले में एक से 19 साल तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए दस अगस्त को जिलेभर के स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभियान चलेगा, स्कूलों को दवाएं मुहैया करा दी गई हैं। छूटे बच्चों को चिह्नित कर 14 अगस्त को गोली खिलायी जाएगी।
एल्बेंडाजोल के सेवन से कृमि संक्रमण से बचाव होता है।बच्चों के पेट में कीड़े होने पर शरीर में खून की कमी हो जाती है और शरीर में कुपोषण कुपोषित हो सकता है। इससे संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास भी नहीं हो पाता है। कुपोषण का सबसे बड़ा कारण पेट में कीड़े हैं, ऐसे बच्चों का मानसिक विकास भी नहीं हो पाता।
स्वास्थ्य विभाग ने एक से 19 वर्ष तक के 6.33 लाख बच्चे चिह्नित किए है। इनमें एक से दो वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली और इससे अधिक उम्र वालों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। स्कूलों में जाकर अधिकारी पहले खुद भी बच्चों को दवा खाकर दिखाएंगे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि दस अगस्त को अभिभावक भी बच्चों को कृमिनाशक दवा खाने के लिए प्रेरित करें, जो बच्चे इस दिन छूट जाएंगे उन्हें 14 अगस्त को दवा खिलायी जाएगी।
कृमि संक्रमण के लक्षण :
- गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना।
- बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे।
- हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।
कृमि मुक्ति के फायदे :
- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
- एनीमिया नियंत्रण।
- सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार।