पिछले चार महीनों में रेलवे अधिकारियों की टीम ने बिना टिकट यात्रा और जनरल कोच का टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्रियों के खिलाफ अभियान चलाया। चार महीने के अंदर स्लीपर कोच से 13884 यात्रियों को नीचे उतारकर उन्हें जरनल बोगी में बैठाया गया है। इसके अलावा चार महीनों के भीतर 17131 यात्रियों को बिना टिकट पकड़ उनसे भारी भरकम जुर्माना वसूल किया गया है।
ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। ट्रेनों में रेल यात्री भेड़ बकरियों की तरह ठसाठस भरे रहते है। जरनल से लेकर स्लीपर और एसी कोच में खचाखच भीड़ सफर कर रही है। क्षमता से ज्यादा यात्री चल रहे हैं। जिसके कारण एक आम आदमी का सफर मुश्किलों भरा हो गया है।
दिल्ली-मुरादाबाद, मेरठ-खुर्जा रेलमार्ग का हापुड़ जंक्शन सबसे महत्वपूर्ण जंक्शन है। यहां पर हर दिन दो दर्जन से अधिक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता है। जबकि कई एक्सप्रेस बिना रूके ही यहां से निकल जाती हैं। हर दिन सैकड़ों की संख्या में यात्री विभिन्न स्थानों के लिए सफर करते हैं। यदि यात्री रेलवे की टिकट विंडो से आरक्षित टिकट लेते हैं तो उन्हें स्लीपर कोच में सफर करने की अनुमति मिल जाती है। हालांकि यात्री का टिकट कंफर्म होना चाहिए। यदि टिकट कंफर्म नहीं हैं और वेटिंग आ रही है तो यात्री को सीट पर बैठ सफर करना पडता है।
जबकि जो यात्री इंटरनेट बुकिंग के माध्यम से अपना टिकट लेता है और यह कंफर्म नहीं होता है तो टिकट चैकिंग स्टाफ ऐसे यात्रियों को उतार देता हैं और उनसे जुर्माना भी वसूल करता है। आए दिन यात्री एक्स पर शिकायत करते हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हो रहा।
चार महीनों में रेलवे द्वारा की गई कार्यवाही :
मार्च 5121 3591
अप्रैल 5232 4110
मई 3323 3713
जून 2455 2570
बिना टिकट यात्री से वसूला गया जुर्माना- 3807211 रुपये
जरनल कोच से स्लीपर में सफर करने वालों से वसूला गया जुर्माना – 3492942
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। पिछले चार महीनों में स्लीपर लिंक, हापुड़ स्कवार्ड और स्टेशन स्टाफ के माध्यम से अभियान चलाया गया। इस दौरान बिना टिकट और जरनल टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्रियों को पकड़कर उनसे जुर्माना वसूला गया है। आगे भी अभियान जारी रहे।