पहाड़ों में बादल फटने व भरी बारिश होने के साथ ही बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी चलने से जलस्तर में तेजी से हुई बढ़ोतरी के कारण यलो अलर्ट के बाद गंगा का जलस्तर चेतावनी निशान को भी पार कर गया है, जिससे हजारों बीघा निचले जंगल में पानी भरने से फसलों में बर्बादी होने के साथ ही खादर वासियों को बाढ़ आने का डर भी सता रहा है। गुरुवार की रात को 198.37 मीटर वाला यलो अलर्ट का निशान पार करने के बाद भी गंगा का उफान थमने की बजाए लगातार बढ़ता जा रहा है।
पहाड़ों में हो रही झमाझम बारिश के साथ ही कुछ स्थानों पर बादल फटने की घटना होने से गढ़ खादर क्षेत्र में दहशत के साथ ही हजारों परिवारों को बाढ़ आने का डर भी सता रहा है। जलस्तर में बड़ी तेजी के साथ बढ़ोतरी होने से गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिससे गढ़ खादर क्षेत्र के पंद्रह से भी अधिक गांवों के हजारों बीघा निचले जंगल और उसमें खड़ीं फसलें एक बार फिर से जलमग्न हो चुकी हैं। इसके अलावा पहाड़ों में बादल फटने से बांधों में पानी की मात्रा कहीं अधिक होने पर बिजनौर बैराज से पानी छोडने का सिलसिला भी लगातार जारी चल रहा है। जिससे गंगा का उफान थमने की बजाए लगातार बढ़ता जा रहा है।
जिसके कारण शुक्रवार की दोपहर को गंगा नदी की जलधारा ने समुद्रतल से 198.73 मीटर वाला चेतावनी का निशान भी लांघ दिया है। गढ़ खादर में स्थित गड़ावली, लठीरा, नयाबांस, आरकपुर, बख्तावरपुर, रामपुर न्यामतपुर, काकाठेर मंढैया, कुदैनी वाली मंढैया, रामसिंह मंढैया समेत पंद्रह से भी अधिक गांवों के जंगल समेत उसमें खड़ीं फसल बरसात के मौजूदा सीजन में चौथी बार पानी से घिर गई हैं। केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को भी बिजनौर बैराज से एक लाख क्यूसिकसे अधिक पानी छोड़ा गया है। जिसके आज शाम तक गढ़ क्षेत्र में पहुंचने से ब्रजघाट गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
जलशक्ति विभाग के गेज अधिकारी आबाद आलम का कहना है कि पहाड़ों में झमझाम बारिश और बादल फटने की घटना होने के कारण गंगा का उफान बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण शुक्रवार की देर शाम को जलस्तर चेतावनी वाले निशान को लांघते हुए समुद्रतल से 198.78 मीटर के निशान पर पहुंच चुका है।
गंगा के टापू में बसे गांव को पानी ने घेरा:
गंगा नदी के रौद्र रूप ने समूचे खादर क्षेत्र में दहशत फैलाई हुई है, लेकिन सर्वाधिक खतरा ब्रजघाट के पास गंगा के रेतीले टापू में बसे गांव गंगानगर पर मंडरा रहा है। क्योंकि शुक्रवार की देर शाम तक गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे गांव में रहने वाले सौ से भी अधिक परिवार सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने का मंसूबा बनाने लगे हैं। मन्नू विश्वास ने बताया कि जागकर रात बितानी पड़ेगी और सुबह होने पर ही गांव से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना मुमकिन हो पाएगा।
तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि पहाड़ों में बादल फटने के कारण गुरुवार को भी बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने से गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे कई गांवों के निचले जंगल में जलभराव होने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। जिसे देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के साथ ही प्रभावित परिवारों को प्रशासन स्तर से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष मदद पहुंचाने की सभी व्यवस्था की हुई है। राहत चौकियों को अलर्ट करते हुए उनमें स्टाफ की तैनाती करते हुए उनमें स्टाफ की तैनाती करते हुए तहसील मुख्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना भी कर दी गई है। जिसमें चौबीस घंटे कर्मचारी तैनात रहकर मोबाइल पर जन समस्या सुनते ही उच्च अधिकारियों के माध्यम से उनका निराकरण भी कराएंगे।