हापुड़ में ऊर्जा निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि में देरी हो रही है। दस्तावेज जमा न करने पर करीब 17 करोड़ रुपये की विद्युतीकरण योजना अटकी है। इस पर एमडी कार्यालय में तैनात मुख्य अभियंता राजीव अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है।
भविष्य में 24 घंटे बिजली देने के उद्देश्य से ऊर्जा निगम द्वारा ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जा रही है। इसके लिए जिलों से प्रस्ताव मांगे गए थे। जनपद के तीनों डिविजन के अधिकारियों ने भी पैकेज बनाकर प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन इन प्रस्तावों को भेजते समय कई गलतियां हुई हैं। यही कारण है कि बिजनेस प्लान 2024-25 के बड़े हिस्से को प्रपत्रों की कमी के कारण एमडी कार्यालय ने स्वीकृति नहीं दी है। जिससे अधिकारियों की लापरवाही के कारण करीब 17 करोड़ रुपये के बिजनेस प्लान की स्वीकृति में देरी हो रही है।
जबकि, गर्मी को देखते हुए अब तक स्वीकृति मिलने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कराकर काम भी शुरू हो जाना चाहिए था। इस अनावश्यक विलंब का असली कारण जिले के अधिशासी अभियंता, एसडीओ और जेई बने हुए हैं। जो लगातार कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। इससे विभाग की छवि तक धूमिल हो रही है, लेकिन अधिकारी अपनी लापरवाही में समय से सुधार नहीं कर रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार- ने बताया की दो भागों में बिजनेस प्लान भेजा गया था। इसमें एक भाग पास भी हो गया है। कुछ समय पहले यह दिक्कतें आई थीं। जिसमें सुधार कर दोबारा से प्रस्ताव भेज दिए थे।