हापुड़ नगर में नालों की सफाई न होने और सिल्ट गंदगी जमा होने से अधिकतर नाले चौक पड़े हैं। प्रत्येक माह नालों की सफाई कराने के नाम पर लाखों रुपये सिर्फ कागजों में खर्च किए जाते हैं। इनकी सफाई के लिए भी पालिका प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस माह के अंत तक मानसून की दस्तक होने की उम्मीद है। अगर नालों की सफाई नहीं हुई तो नगर के कई मोहल्लों को बरसात में जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा।
शहर के अधिकतर नालों की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हैं। सफाई कर्मचारी भी सफाई व्यवस्था की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। नालों में गंदगी का अंबार लगा पड़ा है। सिल्ट व पॉलीथीन जमा होने के कारण नाले ऊपर तक उफन रहे हैं। हल्की बारिश में ही नालों की स्थिति खराब हो जाती है। जल निकासी के लिए बने नाले गंदगी से भर जाने के कारण गंदा पानी रास्तों में भर जाने से लोगों की परेशानी का सबब बनते हैं। शनिवार को हुई हल्की बारिश में ही गढ़ रोड स्थित नाला ओवरफ्लो हो गए और सडक़ पर जलभराव की स्थिति बन गई।
माह के अंत तक मानसून आने की उम्मीद है। शहर के नालों की सफाई व्यवस्था बद से बदतर बनी हुई है। शहर के मोदीनगर रोड, चमरी, सिकंदरगेट, गढ़ गेट, तगासराय, रफीकनगर, मोती कालोनी सहित शहर के अधिकांश नाले गंदगी से इस तरह अटे हुए कि नालों का पानी तक दिखाई नहीं देता है। अगर बरसात से पूर्व नालों की सफाई नहीं हो सकी तो शहरवासियों को बारिश के दौरान गंदगी और जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि नालियों व नालों की सफाई जारी है। जिन मोहल्लों में अधिक समस्या से उनमें पहले शुरूआत की गई है। बरसात से पूर्व सभी नालों की सफाई कराकर लोगों को परेशानी से राहत दिला दी जाएगी।