हापुड़ / सिंभावली। महिलाएं दहलीज के दोनों तरफ उत्पीडन का शिकार हो रही है। घर के बाहर छेड़छाड़, दुराचार और लूट की वारदात हैं, जबकि घर के अंदर घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीडन की शिकार हो रही हैं। सिंभावली थाने में आठ घंटे में तीन महिलाओं ने दहेज उत्पीडन की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
एक तरफ महिला सशक्तिकरण का नारा लगाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं दहेज उत्पीडन सह रही हैं। कहीं ना कहीं कोई दुल्हन दहेज लोभियों के चंगुल में फसी है।
गांव बक्सर निवासी साइन ने बताया कि उसके निकाह को करीब 11 वर्ष हो गए है। निकाह के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग करने लगे और उसे प्रताड़ित करने लगे। बार बार दोनों पक्षों की पंचायत होने के बाद भी उनकी आदत में सुधार नहीं आ रहा है। मांग पूरी न होते देख दो दिन पूर्व भी आरोपियों ने पिटाई कर उसे घर से निकाल दिया।
जनपद गाजियाबाद के भोजपुर निवासी देवपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी रीनू की शादी पांच साल पहले सिंभावली के एक गांव निवासी युवक के साथ की। शादी के बाद से ही आरोपी ससुराल पक्ष के लोग उसकी बेटी का उत्पीडन कर पिटाई करने लगे। पीड़ित ने बताया कि 20 जून को भी आरोपी पक्ष ने उसकी बेटी को पिटाई कर घर से निकाल दिया।