हापुड़ में वाद-विवाद प्रतियोगिता और नेशनल सांइस सेंटर के शैक्षिक भ्रमण में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एआरपी से 70 हजार खर्च करा दिए। लेकिन भुगतान सिर्फ 25400 का किया। एआरपी ने अधिकारियों पर कार्यालय से बिल गायब करने का आरोप लगाया है। एआरपी ने इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की है, साथ ही डीएम और आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत की है।
दरअसल, 18 मार्च को वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई और 19 मार्च को दो बसों से करीब 100 बच्चों और शिक्षकों को नेशनल साइंस सेंटर दिल्ली ले जाया गया था। इसके लिए विभाग ने एआरपी दीपक अग्रवाल को एक पत्र जारी किया। साथ ही एक अधिकारी ने फोन पर भी खर्च संबंधी बात की। भरोसे में आकर एआरपी दीपक अग्रवाल ने अपनी जेब से ही 70 हजार रुपये खर्च कर दिए। जिसमे अधिकारियों ने खर्च 70 हजार रुपये कराए और केवल 25,400 रुपये का भुगतान किया।
दीपक अग्रवाल के पुत्र हर्ष अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता ने जब यह पैसा विभाग से मांगा तो उन्हें टरकाया जाने लगा। बार बार आग्रह करने के बाद एआरपी को भुगतान कर दिए जाने की बात कह, उनका नंबर भी बीईओ ने ब्लॉक कर दिया।
एआरपी दीपक अग्रवाल ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि उनके द्वारा दिए खर्च के बिल ही कार्यालय से गायब कर दिए गए हैं। जबकि बीईओ ने अपनी चैट में साफ लिखा है कि उनका भुगतान किया जा चुका है। इस मामले में विभाग से न्याय न मिलने पर एआरपी ने डीएम और आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत कर, न्याय की मांग की है।
बीईओ रचना सिंह- ने बताया की बीईओ कार्यालय से कोई बिल गायब नहीं हुआ है, दो बिल मिले थे उनका भुगतान करा दिया गया है। अवकाश की अनुमति भी एआरपी ने नहीं दिखाईथी। जांच में कोई सहयोग भी नहीं दिया गया, बीएसए को अपनी आख्या में यह सब कुछ लिखकर दिया है।