हापुड़ में जन्म से टेढ़े पैर लेकर चलने में असमर्थ सात बच्चे अब अपने पैरों पर दौड़ सकेंगे। एनआरएचएम के तहत इन बच्चों को चिह्नित कर, उपचार किया गया है। दो से तीन महीने में ही बच्चों के पैर सामान्य दिखेंगे और वह आसानी से दौड़ सकेंगे।
जब शिशु खड़े होना और चलना शुरू करते हैं, तो यह उनके डेवलपमेंट का एक माइलस्टोन होता है। डॉ. मयंक ने बताया कि जन्म से जिन बच्चों के पैर टेढ़े हैं, कमर में फोड़ा, दिल में छेद, तालू कटा समेत इस तरह की विकलांगता है, ऐसे बच्चे स्वस्थ हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एनआरएचएम मिशन के तहत अयान, धीमान, उन्नति, मोहम्मद अजहर, मोहम्मद साहिब, रितिका, नंदिनी को चिह्नित किया गया। जिला अस्पताल में बने फुटक्लब केंद्र में उपचार किया गया है। जिसके बाद अब बच्चे दौड़ लगा सकेंगे।