हापुड़ जिले में प्रतिष्ठित और महंगे ब्रांड भी जांच में फेल आ रहे हैं। हाल ही में लिए गए नमूनों की जांच में 15 फेल आए हैं। इनमें अठसैनी स्थित बीकानेर वाला से लिया गया राजभोग का नमूना भी शामिल है। जबकि मई माह में एडीएम कोर्ट में चल रहे 34 मामले में निस्तारित हुए हैं, जिनमें 5.25 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि अठसैनी के बीकानेरवाला की कंपनी मैसर्स सिंक फूड्स एर्ड ब्रेवरेज प्राइवेट लिमिटेड से लिए गए राजभोग में रंग अधिक मिला, जो असुरक्षित था। ब्रजघाट में गुरुद्वारे के पास सोनू कुमार की किराने की दुकान से व्रत के आटा में मिलावट पाई गई। बड़ा बाजार धौलाना के अजय कुमार की दुकान से लिए गए पंजाबी पापड़ में रंग अधिक मिला। कांवी की मंढैया में मनीष कुमार की दुकान से लिए गए गुंझिया के नमूने में मावा सही नहीं था। धौलाना के लालपुर में खलील के यहां मावे के नमूले में फैट कम मिला।
इसके अलावा गांव देहरा में अब्दुल रब के यहां से लिए गए छुआरे, किशनगंज पिलखुवा में राकेश तोमर के यहां से लिए गया मावे का नमूना, हापुड़ रेलवे रोड मोहल्ला रामगंज से अर्पित मित्तल के यहां से बेसन के लड्डू, धौलाना के छोटा मोहल्ला में राहुल के यहां से दही, सिंभावली स्थित सुभाष विहार कॉलोनी में छत्रपाल भगत के यहां से बर्फी, गांव गोंदी में जाकिर के यहां से लिए गए मिश्रित दूध के नमूने की रिपोर्ट भी फेल आई है। वहीं, गांव सादिकपुर निवासी दर्वेश कुमार, गांव महमूदपुर में भूपेंद्र के यहां से मिश्रित दूध, मोहल्ला चैनापुरी निवासी अनस के यहां से दही और गांव असौड़ा में निवासी विनोद कुमार के यहां से बेसन के लड्डू के नमूने भी फेल हो गए।
मिलावट का खेल लोगों को बीमार बना रहा है। प्रतिष्ठित और महंगे ब्रांड भी जांच में फेल आ रहे हैं। मिलावटखोर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में कार्यवाही तो होती है, लेकिन मिलावट से लोगों को होने वाले नुकसान से बचाना संभव नहीं होता है।