हापुड़ में मेरठ-गढ़ हाईवे-709ए के चौड़ीकरण का कार्य पिछड़ रहा है। सड़क निर्माण के साथ हाईवे पर बनाए जा रहे चार प्रमुख बाईपास आकार जरूर लेने लगे हैं। लेकिन मुख्य मार्ग पर स्थिति जस की तस है। कार्य तेजी से न होने का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है धीमी रफ्तार के कारण हाईवे निर्माण का लक्ष्य भी पिछड़ रहा है।
कुल 50.18 किलोमीटर लंबे मेरठ- गढ़ हाईवे का चौड़ीकरण 955 करोड़ से टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। हाईवे पर गढ़ से मेरठ के बीच 32 किलोमीटर क्षेत्र में पुरानी सड़क का ही जीर्णोद्धार किया जाएगा। जबकि 18 किलोमीटर सड़क बाईपास के रूप में नई बनाई जा रही है। हाईवे के 18 किलोमीटर क्षेत्र में नई भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और लाइन शिफ्टिंग आदि भी हो चुकी है।
लेकिन पिछले कुछ महीने से बाईपास का निर्माण को छोड़ दें तो मुख्य सड़कों का निर्माण रुका हुआ है। जिससे लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि पिछले वर्ष तक कार्य पूरा हो जाना चाहिए था। सबसे लंबे आठ किलोमीटर के किठौर बाईपास का काम 40 प्रतिशत कर लिया गया है। लेकिन यह कार्य भी अब धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में लोगों में रोष व्याप्त हो रहा है। शासन से भी इस पर नाराजगी जताई गई है।
पीडी एनएचएआई वाजपेयी संतोष – ने बताया की यातायात को सुगम बनाने के लिए फिलहाल बाईपास के निर्माण पर जोर है। बाईपास बनने के बाद रूट को डायवर्ट करने में आसानी होगी और मुख्य सड़क का निर्माण कार्य भी तेज हो सकेगा। हाईवे पर कुल 15 अंडरपास, तीन फ्लाईओवर, आठ पुल, एक रेलवे ओवर ब्रिज व कुल 51 पुलिया बनाई जा रही हैं। इनमें से अधिकतर का निर्माण पूरा हो चुका है।