हापुड़ में जन आरोग्य मेलों में रविवार को 1432 मरीज उपचार कराने पहुंचे, इसमें 30 फीसदी से अधिक मरीजों को डायरिया की समस्या रही। नेत्र, त्वचा रोग के साथ बुखार के मरीज भी बड़ी तादात में पहुंचे। एक-एक चिकित्सक पर ही मेला चलाने की जिम्मेदारी रही, विशेषज्ञ चिकित्सक शिविर में नहीं पहुंचे।चिकित्सकों के नहीं आने से मरीज दवाएं लेकर ही वापस लौटे।
अंतिम मरीज तक उपचार सेवा पहुंचाने के लिए जन आरोग्य मेले शुरू किए गए हैं लेकिन, हापुड़ में ये औपचारिकता में ही दम तोड़ रहे हैं। मरीज अच्छे उपचार की उम्मीद में आते हैं लेकिन, उन्हें सिर्फ दवाएं लेकर ही मायूस लौटना पड़ता है। कई महत्वपूर्ण जांच भी नहीं की जाती है। जन आरोग्य मेले में बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। लेकिन यहां चिकित्सक नहीं थे। जिस कारण बहुत से मरीज बिना उपचार लिए ही वापस लौट गए। स्टॉफ नर्स, फार्मासिस्टों ने ही यहां उपचार सेवा दी।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- जन आरोग्य मेले में आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। इस संबंध में चिकित्सकों को निर्देशित किया जा चुका है। दवाएं और जांच की पर्याप्त सुविधा है।