हापुड़ में हीट वेव और डायरिया की चपेट में आकर पेट के दर्द से तड़प रहे मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अस्पतालों से एक्सपायरी दवा बांट दी गई। मरीज के घर पहुंचने पर परिजनों ने दवा देखी तो उसे खाने से रोका। मामला खुलने पर फार्मेसी से इस तरह की दवाएं हटा दी गईं, अब जुलाई महीने में एक्सपायर होने वाली दवाएं दी जा रही हैं।
जिलेभर के अस्पतालों में पेट दर्द के मरीज पहुंच रहे हैं। 28 मई को हापुड़ के पत्थर वाला कुआं निवासी 24 वर्षीय आसमा पेट दर्द की शिकायत लेकर सरकारी अस्पताल पहुंची। ओपीडी में परामर्श लेने पर चिकित्सक ने पर्चे पर पेट दर्द में दी जाने वाली (प्रे एंड प्रोबायोटिक कैप्सूल) के साथ कुछ अन्य दवाएं लिख दी।
मरीज को फार्मेसी से दवाएं दे भी दी गई। आसमा जब घर पहुंची तो दवा खाने से पहले परिजनों ने उसकी एक्सपायरी जांची। प्रे एंड प्रोबायोटिक कैप्सूल के पत्ते पर अप्रैल 2024 की एक्सपायरी लिखी थी। गनीमत रही कि आसमा ने दवा नहीं खाई। मरीज के परिजनों ने मामले में डीएम से शिकायत करने की बात कही है। वहीं, बुधवार को इसकी जानकारी मिलते ही फार्मेसी से इस बैच की दवाओं को हटा लिया गया। मरीजों को अब दी गई दवा पर एक्सपायरी तिथि जुलाई 2024 लिखी है।
दवाइयां खरीदते समय कई तरह की खास बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। किसी मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदते वक्त आप भी उसकी एक्सपायरी डेट पर एक बार जरूर निगाह डाल लेते होंगे। आमतौर पर हम यही जानते हैं कि एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को नहीं खरीदना चाहिए। कुल मिलाकर इस तरह की लापरवाही से मरीजों की जान पर आफत पड़ रही है। वहीं, बुधवार को फार्मेसी के अधिकारियों का अपनी सफाई में यह भी कहना था कि हो सकता है यह दवा मरीज पहले लेकर गई हो।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले में दवाओं की कमी नहीं है, एक्सपायरी दवाएं बांटा जाना गंभीर मामला है। इस मामले में जांच कर, आवश्यक कार्रवाई करेंगे। मरीजों से फीडबैक भी लिया जाएगा।