हापुड़ में हीट वेव की चपेट में आकर जिला अस्पताल पहुंचे मरीजों को गर्मी से परेशान होना पड़ा। 24 घंटे बिजली की सप्लाई का फीडर चालू नहीं होने से मंगलवार को यहां फिर पावर कट लगा। कोल्ड रूम में भर्ती मरीज तिलमिला उठे। सामान्य वार्डों में गर्म हवा फेंकते पंखों से ही मरीजों को काम चलाना पड़ा।
गर्मी चरम पर है और आसमान से आग बरस रही है। वहीं, गर्म हवा शरीर को झुलसा रही है। तापमान 46 डिग्री के पार पहुंच गया, जो लू लगाने वाला है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में अभी व्यवस्था बदहाल हैं। अधिकारी और चिकित्सकों के कक्ष में भले ही एसी लगे हैं और उनके न होने पर भी चलते हैं। लेकिन वार्डों में एसी तो दूर पर्याप्त कूलर भी नहीं हैं।
तापमान इतना अधिक है कि छत पर लगे पंखे ठंडी हवा नहीं दे पाते। मंगलवार को जिला अस्पताल में दोपहर 11 बजे पावर कट लगा, काफी देर तक सप्लाई नहीं आ सकी। ऐसे में इन्वर्टर आदि से जोड़कर वार्डों के पंखे चलाए गए। बेड पर लेटे मरीज पसीनों से लथपथ होते रहे, गर्मी से बीमार मरीजों को इस तरह की असुविधा से जूझना पड़ा।
जिलेभर की सीएचसी का भी यहीं हाल है, कहीं एसी लगे हैं तो वह काम नहीं करते। उमस के कारण मरीजों का हाल बेहाल रहा। सर्जिकल वाले मरीजों को और अधिक समस्या झेलनी पड़ रही है। क्योंकि पसीने के कारण घाव आसानी से नहीं भर पाता। जिले में बच्चे डायरिया की चपेट में हैं, इन बच्चों की मॉनीटरिंग की जा सके। आशाओं को भी घर-घर जाकर मरीजों को चिह्नत करने के निर्देश दिए हैं।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की हीट वेव के मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। कोल्ड रूम भी तैयार कराए गए हैं। दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।