हापुड़ शहर के नालों को ढकने के लिए नगर पालिका ने 30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था, लेकिन बजट न मिलने के कारण नाले ढके नहीं गए हैं। खुले नालों से हादसे बढ़ रहे है। इसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं, नालों में पॉलिथीन और कूड़ा डाला जा रहा है, जिसके कारण जलनिकासी बाधित हो रही है।
शहर के बदहाल नाले कह रहे लापरवाही की दास्तान – बरसात में होगी परेशानी, नालों में लगे हैं गंदगी के अंबार। नालों के न ढकने से हादसे तो बढ़ ही रहे हैं, वहीं लोग इनमें गंदगी भी डाल रहे हैं। दुकानदार अपनी दुकानों की सफाई करके कूड़ा डालते देते हैं। यह कूड़ा कुछ ही देर में नालों के अंदर चला जाता है। कुछ लोग तो सफाई कर कूड़े को सीधा नाले में डाल देते हैं। वहीं, सड़क किनारे लगने वाले ठेलों पर लोग पत्तल आदि को नाले में डाल रहे हैं। जिससे जलनिकासी भी बाधित हो रही है।
यहां तक कि तगासराय और सिकंदर गेट के इलाके में खुले नालों के कारण आए दिन कोई न कोई इनमें गिर जाता है। इसे रोकने के लिए नगर पालिका ने शहर के नालों को ढकने की योजना बनाई थी। आरसीसी से नालों को कवर किया जाना था। जिसके बाद 30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भी भेजा गया था, लेकिन इस ओर अधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
ईओ व एसडीएम मनोज कुमार- ने बताया की निर्माण विभाग के अधिकारियों से फाइल लेकर शासन को पत्राचार किया जाएगा। जिससे कि शहर के नालों को कवर किया जा सके। लोगों से अपील है कि वह नालों में कूड़ा व पॉलिथीन न डालें।