हापुड़ में भीषण गर्मी में डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है, मंगलवार को जिला अस्पताल और सीएचसी में 12 मरीज भर्ती कराए गए। दस्त और उल्टी के कारण मरीज अचेत हो रहे हैं। आशा और एएनएम को घर-घर जाकर ऐसे मरीजों को चिह्नित करने के आदेश दिए हैं।
बढ़ते तापमान के साथ बीमारियों का ग्राफ बढ़ने लगा है। डायरिया और बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि डायरिया के कारण मरीजों में निर्जलीकरण की समस्या बन रही है। इसका प्रभाव शरीर के महत्वपूर्ण अंक लिवर, किडनी पर पड़ रहा है। बहुत से मरीजों के लिवर में भी सूजन आ रही है। इन दिनों डायरिया के मरीज सबसे अधिक ओपीडी में आ रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि डायरिया के कारण बच्चों की आंतों में संक्रमण बढ़ रहा है।
नवजातों में भी समस्या मिल रही है। ओपीडी में 60 फीसदी से अधिक बच्चों में डायरिया मिल रहा है। अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भरमार हैं। इसके अलावा त्वचा रोग भी बच्चों को चपेट में ले रहा है। मंगलवार को सीएचसी और जिला अस्पताल में 12 मरीजों को भर्ती कराया गया। सरकारी अस्पतालों में त्वचा रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उन्हें प्राइवेट इलाज के लिए विवश होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में 24 घंटे बिजली सप्लाई के लिए अभी फीडर तैयार नहीं हुआ है। जिस कारण मरीजों को गर्मी में परेशान होना पड़ता है। जबकि कोल्डं रूम में एसी चलाने के भी आदेश हैं।