लखनऊ। हापुड़ स्थित पंजाब नेशनल बैंक की दिल्ली रोड शाखा से गैरकानूनी तरीके से 4.98 करोड़ रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर करने के मामले में सीबीआई, गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने केस दर्ज करने के साथ बैंक के हेड कैशियर और निजी फर्म के हापुड़ और कानपुर स्थित ठिकानों पर बृहस्पतिवार को छापा मारा। छापे में सीबीआई ने तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं।
सीबीआई के प्रवक्ता के मुताबिक पीएनबी के मेरठ सर्किल ऑफिस के मुख्य प्रबंधक राम श्रेष्ठ चौधरी की शिकायत पर गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने हेड कैशियर मुकुल सिंह और निजी फर्म स्टार रेज के प्रोपराइटर विनोद कुमार सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद छापा मारा है। सीबीआई से की गयी शिकायत में उल्लेख किया गया है कि बैंक की हापुड़ स्थित दिल्ली रोड शाखा में कानपुर निवासी विनोद कुमार सिंह ने अपनी फर्म का खाता ट्रांसफर कराया था।
विगत 18 सितंबर 2023 को बैंक की भोपाल स्थित एलसीबी शाखा से मेल मिला कि उनकी शाखा में मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के कैश क्रेडिट खाते को स्टार रेज के खाते से मर्ज कर दिया गया है। जिसके बाद उनके खाते से इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा एचडीएफसी, आईडीएफसी, आईसीआईसीआई में 6.96 करोड़ रुपये भेजे गए। जिसमें से 4.98 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो गए, जबकि 1.98 करोड़ रुपये ट्रांसफर नहीं हो सके। यह धनराशि ट्रांसफर होने के बाद दोबारा दिलीप बिल्डकॉन के खाते को स्टार रेज के खाते से डी-मर्ज कर दिया गया।
साजिश को कैशियर ने दिया अंजाम (CBI)
बताया गया कि इसकी जानकारी मिलने पर बैंक ने आंतरिक जांच की, जिसमें सामने आया कि खाते को मर्ज करने के लिए हेड कैशियर मुकुल सिंह ने 16 सितंबर को सीबीएस सिस्टम में एंट्री की थी। जिसे बैंक अफसर अंकित के सीबीएस सिस्टम पर जाकर अधिकृत भी कर दिया गया था। जबकि इस दौरान अंकित अपनी सीट पर नहीं थे। मुकुल सिंहने अगले दिन रविवार को दिलीप बिल्डकॉन के खाते से 6.96 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। वहीं सोमवार को मुकुल सिंह ने बैंककर्मी राहुल सिंह की सीट पर जाकर खाते को डीमर्ज कर दिया। सीसीटीवी आदि से जिसकी पुष्टि होने के बाद बैंक की ओर से आरोपियों के खिलाफ विश्वासघात, हेराफेरी, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।