हापुड़ जिले में वृद्धा पेंशन पा रहे 11,173 वृद्धों के दस्तावेजों की एक बार फिर जांच होगी। इनके आधार कार्ड का सत्यापन कराया जाएगा। जिससे कि अपात्रों को सूची से बाहर कर उनसे वसूली कराई जा सके। पिछली बार भी जांच के दौरान 1453 संदिग्ध मिले थे। जिनकी पेंशन रुकवा दी गई थी। इस बार भी पेंशन पा रहे मृतकों के घर-घर जाकर सत्यापन कराया जाएगा।
60 वर्ष से ऊपर के लोगों को वृद्धापेंशन के रूप में प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाते हैं। वृद्धों के भरण-पोषण में यह पेंशन सहारा बनती है। इससे इनका जीवन आसान हो जाता है। ऐसे में अपात्र लोग गुपचुप तरीके से वृद्धापेंशन का लाभ लेते है। ऐसे में वृद्धांपेंशन के मामलों का सत्यापन कराया जाए। दस्तावेजों की एक बार फिर जांच होगी। अपात्रों को सूची से बाहर कर उनसे वसूली कराई जायएगी।
मार्च 2022 के आंकड़े पर नजर डालें तो जिले में 13735 को वृद्धापेंशन दी जा रही थी। वर्ष 2023 में शासन ने आदेश दिया था कि वृद्धापेंशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा। जिसके बाद विभाग ने सत्यापन का कार्य शुरू किया था। विभाग ने ही 10933 के आधार कार्ड का सत्यापन करते हुए पेंशन का कार्य प्रारंभ किया था। समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2023 में ही 1453 मामले ऐसे पकड़े थे, जो गुपचुप तरीके से वृद्धापेंशन पाना चाहते थे। इन सभी की पेंशन रुकवा दी गई थी। इसमें 860 वृद्ध मृतक मिले थे।
यही कारण है कि इस बार विभाग पहले ही अलर्ट हो गया है। इस बार गांवों में एडीओ पंचायत स्तर से सत्यापन कराया जाएगा। आधार सत्यापन के कार्य के बाद एक अन्य और जांच कराई जाएगी। जिसमें दोषी मिलने पर अपात्रों से वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे सरकार को होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवकुमार- ने बताया की शासन से आदेश मिले हैं कि आचार संहिता का पालन करते हुए वृद्धांपेंशन के मामलों का सत्यापन कराया जाए। उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराते हुए निर्देश मांगे गए हैं। पिछले दिनों में मृतक हुए लोगों का डाटा मांगा गया है। जिससे कि उन्हें वृद्धापेंशन के पात्रों की सूची से हटाया जा सके।