हापुड़ जिले में गेहूं की निकासी 80 प्रतिशत से भी अधिक हो चुकी है, लेकिन दाम बढ़ने के इंतजार में किसानों ने लाखों क्विंटल गेहूं स्टोर कर लिया है। सरकारी क्रय केंद्रों पर दो महीनों में काफी कम गेहूं की खरीद हुई है। वहीं, बाजार में एमएसपी से 100 रुपये ऊपर गेहूं खरीदा जा रहा है। लेकिन निजी बाजार भी सूना पड़ा हुआ है।
जिले के करीब 40000 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की खेती की गई है, 80 फीसदी से अधिक गेहूं की निकासी हो गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस बार करीब 20 लाख क्विंटल गेहूं उत्पादन माना जा रहा है। एक अप्रैल से ही जिले में 36 केंद्रों पर खरीद शुरू की गई है। शासन की ओर से गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये/क्विंटल घोषित किया गया है।
इसके साथ ही केंद्र पर गेहूं बिक्री से पहले किसान को पंजीकरण कराने की बाध्यता दी गई है। शुरूआत में किसान गेहूं लेकर केंद्रों पर पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही बाजार में गेहूं का रेट 2400 से पहुंचा तो किसानों ने केंद्रों पर सप्लाई बंद कर दी। कीमतों में वृद्धि की उम्मीद के चलते किसान धीरे-धीरे किश्तों में अपनी गेहूं बाजार में ला रहे हैं। अब सिर्फ जरूरत वाले किसान ही बाजार में गेहूं लेकर आ रहे हैं। निजी बाजार भी सूना पड़ा हुआ है।
जिला विपणन विभाग को इस साल 48 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला है, 15 जून तक यह लक्ष्य पूरा करना है। दो माह बीत जाने के बावजूद अभी तक सिर्फ 604 किसानों ने ही केंद्रों पर 16277.9 क्विंटल गेहूं की बिक्री की है।