हापुड़ में गर्म हवाओं से निर्जलीकरण के साथ उल्टी दस्त के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को सीएचसी और जिला अस्पताल की ओपीडी में 2511 मरीज आए, इनमें अधिकांश गर्मी लगने से ही बीमार बताए गए। डायरिया के कारण मरीजों के जिगर में सूजन और आंतों में संक्रमण हो रहा है। वहीं, गले में जकड़न, बुखार और पेट दर्द से भी मरीज परेशान हैं। अभी तक छह हजार से अधिक पैरासिटामॉल की टैबलेट मरीजों में बांटी जा चुकी हैं।
गर्मी का प्रकोप लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है। ओपीडी में मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। जिला अस्पताल के सीएमएस व फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि जनरल ओपीडी में 973 मरीज आए। इनमें अधिकांश बुखार और निर्जलीकरण से पीड़ित थे। अधिक समय तक धूप में रहने और पानी का सेवन कम करने से समस्या अधिक बढ़ रही है।
सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि ओपीडी में निर्जलीकरण के कारण मरीज बेहोशी की हालत में अस्पताल आ रहे हैं। कुछ को भर्ती करने की भी जरूरत पड़ रही है। डायरिया से पीड़ित कई मरीजों के जिगर में सूजन और आंतों में संक्रमण मिल रहा है। ऐसे में घर से खाली पेट न निकलें। धूप के सीधे संपर्क में आने से बचें। अधिक तली-भुनी चीजों का प्रयोग न करें। बल्कि ऐसे मरीजों को हल्का खाना खाने और अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों में डायरिया की समस्या अधिक आ रही है। पेट में दर्द और उल्टियां लगने से उनकी हालत खराब है। ईएनटी डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया कि वातावरण में धूल अधिक होने से गले का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।