हापुड़ में फेफड़ों के संक्रमण के साथ मरीजों को बुखार आ रहा है। चिकित्सक मौसम के बदलाव को भी कारण मान रहे हैं। साथ ही नजला, खांसी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बड़ों के साथ बच्चे भी इसकी चपेट में हैं। ईएनटी संबंधी रोग और आंखों के मरीज भी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में आ रहे हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि मौसम के बदलाव को भी कारण बच्चों के गले में खराश, खांसी, हल्का बुखार, नाक में कफ जमना, दस्त, भूख कम लगना और थकान या एनर्जी कम महसूस होना इसके लक्षण आ रहे हैं। बहुत से बच्चों में तेज बुखार, पसीना आना या ठंड लगना, नाखूनों या होठों का नीला पडना, सीने में घरघराहट महसूस होना और सांस लेने में दिक्कत महसूस होने की समस्या आ रही है। ऐसे मरीजों की अस्पतालों में लाइन लंबी हो रही है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि मौसम के बदलाव से गले का संक्रमण बढ़ा है। बहुत से मरीजों के फेफड़ों में पानी भी आया है। ऐसे मरीजों की खांसी को आसानी से आराम नहीं लग रहा। ईएनटी डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया कि गले के संक्रमण के मरीज काफी बढ़े हैं, गले में सूजन और नाक में एलर्जी मरीजों को परेशान कर रही है।