हापुड़ में भीषण गर्मी में गांव गोंदी में वाटर कूलर और हैंडपंप खराब होने से लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्राम प्रधान से शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिससे ग्रामीणों में रोष है।
लोगों की सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराये गए वाटर कूलर और सरकारी हैडपंपों की हालत खस्ता हो गई है। इसके लिए सरकार लाखों रुपये खर्च करती है। फिर भी देखरेख के आभाव में हैंडपंप पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इस बिलबिलाती तेज धूप और हवा के चलते लोगों के गले सूख रहे हैं। गला-गीला करने के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। वजह है कि कई माह से पानी देने वाले साधन अब दम तोड़ चुके हैं। जिन्हें सही कराने की जरा भी जरूरत नहीं समझी जा रही है।
गांव निवासी सलीम आजम ने बताया कि गांव में करीब दो वर्ष पूर्व ग्राम प्रधान फरहाना बेगम द्वारा ग्रामीणों को ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक विद्यालय के समीप वाटर कूलर लगवाया गया था। लेकिन शुरूआत के कुछ माह तो लोगों को इसका लाभ मिला, लेकिन बाद में देखरेख के अभाव के कारण वाटर कूलर खराब हो गया।
तभी से वाटर कूलर की मरम्मत नहीं कराई गई है और लोगों को ठंडा पेयजल नहीं मिल पा रहा है। स्कूली बच्चे भी ठंडे पेयजल के लिए परेशान रहते हैं। गर्मी का प्रकोप बढ़ने से पानी की मांग बढ़ गई है लेकिन, गांव में विभिन्न स्थानों पर लगे सरकारी हैंडपंप के भी गले सूख चुके हैं। मरम्मत न होने के कारण सरकारी हैंडपंपों से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में ग्राम प्रधान से अनेक बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है और न ही समस्या का समाधान किया जा रहा है। बीडीओ श्रुति सिंह ने कहा कि अगर इस प्रकार की समस्या है तो समाधान कराकर ग्रामीणों की परेशानी दूर की जाएगी।