हापुड़ में बुखार, खांसी और कमजोरी की समस्या लेकर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में मधुमेह की पुष्टि हो रही है। 25 से 30 साल के युवा और किशोर भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बुजुर्गों में बीमारी अधिक है। पांच महीने में 3457 नए मरीज चिन्हित हुए हैं। ऐसे मरीजों की काउंसिलिंग भी जारी है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि गलत खान पान और दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को शामिल नहीं करने से शरीर के इंसूलीन बनाने की क्षमता कमजोर पड़ रही है। जिस कारण मरीज तेजी से मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में आने वाले बहुत से मरीज जांच में पॉजिटिव निकल रहे हैं। प्रयास रहता है कि प्रथम स्टेज वाले मरीजों को बिना दवा दिए काउंसलिंग और खान पान में बदलाव से स्वस्थ किया जाए।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि ओपीडी में बुखार, खांसी का मर्ज बताने वालों की जांच में मधुमेह की खूब पुष्टि हो रही है। ओपीडी में युवा मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां की ओपीडी में आने वाले मधुमेह रोगियों में ज्यादातर बुजुर्ग अधिक होते थे, लेकिन अब 25 से 30 साल के युवा और किशोर भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शुरुआती लक्षणों से ही मधुमेह को पहचाना जा सकता है, जिसका तुरंत उपचार और परहेज शुरू कर बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की मधुमेह को परहेज और दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है। बहुत से मरीज मधुमेह होने पर अवसाद में आ जाते हैं। सरकारी अस्पतालों में काउंसलर नियुक्त किए गए हैं, जो मरीजों की काउंसलिंग कर उन्हें स्वस्थ रहने के टिप्स देते हैं।